वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-करीब तीन दिनों तक स्थिर होने और घटने के बाद गंगा एक बार फिर तेजी से बढ़ रही हैं। बनारस से लेकर बलिया तक गंगा में उफान दिखाई दे रहा है। बनारस में भी गंगा ने चेतावनी बिंदु पार कर लिया है।
गंगा पक्के घाटों को डूबाकर अब गलियों व नालों के रास्ते शहर की ओर घुसने के लिए हिलोरे मार रही हैं। शहर की दक्षिणी छोर वाले इलाकों में बाढ़ का पानी कॉलोनियों में तेजी से घुसने लगा है। सामने घाट में करीब आधा दर्जन कॉलोनियां प्रभावित हुई हैं। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट श्मशानस्थल पर शवदाह को लेकर संकट खड़ा हो गया है। कई घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। शवदाह के लिए टोकन लेना पड़ रहा है। गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि का असर वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया। बाढ़ में वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह डूब चुका है। वरुणा के तटवर्ती करीब दर्जनभर मोहल्ले में लोग घरों से निकलकर बाढ़ राहत शिविर में शरण लिये हैं। उधर, ग्रामीण इलाके भी बाढ़ से प्रभावित होने लगे हैं। ढाब व गोमती के तटवर्ती इलाकों में स्थित सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गई हैं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर सुबह 12 बजे 70.24 मीटर पर पहुंच गया था। दोपहर दो बजे चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर को पार करते हुए गंगा का जलस्तर 70.32 मीटर पर पहुंच गया। अब भी 4 सेंमी की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। यहां खतरे का निशान 71.262 मीटर पर है। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के मुताबिक 20.05 लाख क्यूसेक पानी मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर के बांधों व बैराज से छोड़ा गया है। जो यमुना से होकर प्रयागराज पहुंचेगा। इससे प्रयागराज में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव हो रहा है। प्रयागराज में बुधवार रात 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 83.08 मीटर पर पहुंच गया था। यमुना का जलस्तर 83.10 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि खतरे का निशान है 84.73 मीटर है। जिसका असर अगले 24 घंटे में वाराणसी की गंगा में देखने को मिलेगा। उधर, जिला प्रशासन ने गंगा, वरुणा व गोमती तटवर्ती इलाके के इलाकों व गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में एसडीएम को तत्काल बाढ़ राहत इलाकों का दौरा करने का निर्देश दिया है।
बलिया में चेतावनी बिन्दू से 70 सेमी ऊपर गंगा
बलिया में दो दिनों के घटाव के बाद बुधवार से बढ़ाव पर हुईं गंगा एक बार फिर खतरा बिन्दु से 70 सेमी ऊपर पहुंच गई हैं। नदी में अब भी बढ़ाव जारी है। बैराजों द्वारा गंगा मे डिस्चार्ज किये गये पानी ने तटवर्तीय क्षेत्र के लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। गायघाट गेज पर गुरुवार सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर 58.310 मीटर रिकार्ड किया गया।
जलस्तर यहां खतरा बिन्दु 57.615 मीटर से 70 सेमी ऊपर व मीडियम फ्लड 58.615 मीटर से मात्र 30 सेमी नीचे पहुंच गया है। नदी में आधा सेमी प्रति घन्टे का बढ़ाव जारी है। ऐसे में रामगढ़ से लगायत लालगंज व नदी पार की पंचायत नौरंगा के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। प्रभावित गांवों में एक बार फिर अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। ग्रामीण अपने घरेलू सामानों को सहेजते हुये पलायन की तैयारी मे जुट गये हैं।
लाखों की आबादी होगी प्रभावित
डिस्चार्ज बैराजों का पानी गंगा नदी के माध्यम से पहुंचने के बाद जिले की लाखों की आबादी बाढ़ से प्रभावित होगी। सबसे बड़ा नुकसान बैरिया तहसील में देखने को मिल सकता हैं। दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित होंगे। यहां की अधिकांश आबादी नदी किनारे बसी है।